Arshad Nadeem

पाकिस्तान की ऐतिहासिक सफलता: Arshad Nadeem ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर दुनिया को चौंकाया

Arshad Nadeem

पेरिस ओलंपिक 2024 में जेवलिन थ्रो में पाकिस्तान के Arshad Nadeem ने इतिहास रच दिया। Arshad Nadeem ने 92.97 मीटर की दूरी पर भाला फेंककर नया ओलंपिक रिकॉर्ड स्थापित किया और गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहे। यह पाकिस्तान का 1992 के बाद पहला ओलंपिक मेडल है, और यह 32 साल की लंबी अवधि के बाद आया है।

Arshad Nadeem की यात्रा की शुरुआत लाहौर के एक छोटे से गांव से हुई थी, जहां वे एक पूर्व निर्माण श्रमिक के बेटे हैं। उनकी कठिनाइयों और संघर्षों को देखते हुए, यह जीत और भी खास बन जाती है। पहले प्रयास में उनका थ्रो फाउल हो गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने 92.97 मीटर की दूरी तय की, जो ओलंपिक इतिहास का सबसे लंबा थ्रो है। इससे पहले का रिकॉर्ड 90.57 मीटर था, जो 2008 के बीजिंग ओलंपिक में एंड्रियास थॉर्किल्डसेन ने बनाया था।

अरशद नदीम के अन्य प्रयास इस प्रकार थे:

  • तीसरा थ्रो: 88.72 मीटर
  • चौथा थ्रो: 79.40 मीटर
  • पांचवां थ्रो: 84.87 मीटर
  • छठा थ्रो: 91.79 मीटर

उनकी यह असाधारण सफलता पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1992 के ओलंपिक के बाद से देश ने कोई भी मेडल नहीं जीता था। 1992 में पाकिस्तान ने गोल्ड और ब्रॉन्ज मेडल जीते थे, और उसके बाद से मेडल का सूखा चल रहा था। अरशद नदीम ने इस सूखे को खत्म किया और पाकिस्तान को एक बार फिर से ओलंपिक मेडल दिलाया।

इस बार के पेरिस ओलंपिक में, भारतीय जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा भी ध्यान केंद्रित करने वाले एथलीटों में शामिल थे। चोपड़ा ने क्वालीफिकेशन में अच्छा प्रदर्शन किया और 89.34 मीटर की दूरी तक भाला फेंक कर अपने प्रयास को साबित किया। हालांकि, फाइनल में उनके चार प्रयास फाउल हो गए, और उन्हें केवल दो वैध थ्रो करने का मौका मिला।

नीरज चोपड़ा का सर्वश्रेष्ठ थ्रो 89.45 मीटर रहा, जो सिल्वर मेडल जीतने के लिए पर्याप्त था। उन्होंने अपने थ्रो में पूरी कोशिश की, लेकिन अरशद नदीम के शानदार प्रदर्शन के सामने उन्हें दूसरे स्थान पर ही संतोष करना पड़ा।

Arshad Nadeem का प्रदर्शन बहुत ही प्रेरणादायक है। उन्होंने एक पुराने जेवलिन को बदलने की मांग की थी और खेल की सबसे बड़ी मंच पर अपने बल और मेहनत को साबित किया। उनकी यह जीत एक संदेश है कि अगर आपके पास इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

फाइनल में अन्य एथलीटों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया, लेकिन अरशद नदीम का थ्रो सबसे खास रहा। डायमंड ट्रॉफी विजेता जाकुब वाडलेज्च ने पहले प्रयास में केवल 80.15 मीटर फेंका, जबकि लंदन ओलंपिक चैंपियन केशोर्न वॉलकोट ने 86.16 मीटर का थ्रो किया। लेकिन इन सभी को पछाड़ते हुए, अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का थ्रो कर सबको चौंका दिया।

Arshad Nadeem की इस सफलता ने पेरिस ओलंपिक में एक नई कहानी लिखी। उन्होंने यह साबित कर दिया कि कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद, समर्पण और कठिन मेहनत से कुछ भी संभव है।

नीरज चोपड़ा ने इस मुकाबले को स्वीकार किया और कहा कि यह ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा की एक नई शुरुआत हो सकती है। उन्होंने अपने देश को गर्वित करने की इच्छा व्यक्त की और भविष्य में और बेहतर प्रदर्शन करने की बात कही।

इस प्रकार, पेरिस ओलंपिक 2024 ने एक अद्वितीय खेल अनुभव प्रस्तुत किया, जिसमें Arshad Nadeem ने न केवल पाकिस्तान का गर्व बढ़ाया, बल्कि एक नई प्रेरणा भी दी। उनकी सफलता ने साबित किया कि समर्पण, मेहनत और धैर्य से बड़ी से बड़ी चुनौतियों को पार किया जा सकता है।

Match के बाद नीरज चोपड़ा की mother ने कहा  “हम सिल्वर मेडल से खुश हैं। जिसने स्वर्ण पदक जीता (अरशद नदीम) वह भी हमारा बच्चा है “|  इस बयान से उन्होने दोनो देशो के लोगो का दिल जीत लिया

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