Hindenburg
एक बार फिर से Hindenburg काफी चर्चा में है और इस बार Hindenburg ने आरोप लगाया है कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की मॉरीशस की एक कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। इस कंपनी में गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिससे अडाणी के शेयरों की कीमतें बढ़ाई गई हैं.
Hindenburg की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडाणी ग्रुप के विदेशी फंड में SEBI प्रमुख और उनके पति की हिस्सेदारी है, और अडाणी ग्रुप और SEBI के बीच मिलीभगत का आरोप भी लगाया गया है। हालांकि, माधबी पुरी बुच और धवल बुच ने इन आरोपों को झूठा बताया है। उनका कहना है कि सब कुछ सही है और कुछ भी छुपाया नहीं गया है। अडाणी ग्रुप ने भी आरोपों को गलत बताया और इसे बदनाम करने की साजिश करार दिया है। राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई है, और कुछ विशेषज्ञ इसे विदेशी साजिश मानते हैं।
Hindenburg ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि SEBI प्रमुख और उनके पति ने उस मॉरीशस कंपनी में निवेश किया है, जिसका इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों में निवेश के लिए किया गया था। SEBI और अडाणी ग्रुप ने इन आरोपों को खारिज किया है। SEBI ने भी बताया कि उन्होंने सभी संबंधित मामलों की जांच की है और जरूरी कार्रवाई की है।
कांग्रेस पर भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट एक सुनियोजित साजिश लगती है और यह राहुल गांधी और कांग्रेस द्वारा अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हो सकती है। उन्होंने आरोप लगाया कि विदेशी रिपोर्टें अक्सर झूठी होती हैं और कांग्रेस इसका इस्तेमाल दहशत पैदा करने के लिए करती है।
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