Mirabai Chanu
Mirabai Chanu का पेरिस ओलंपिक 2024 में प्रदर्शन भारत के लिए निराशाजनक रहा। बुधवार (7 अगस्त) को मीराबाई ने वेटलिफ्टिंग के 49 किलोग्राम भार वर्ग में मुकाबला किया, जहां उन्हें मेडल की उम्मीद थी। लेकिन उन्होंने क्लीन एंड जर्क के अपने आखिरी प्रयास में 114 किलोग्राम वजन उठाने में असफल रहीं, जिससे वे मेडल की दौड़ से बाहर हो गईं।
Mirabai Chanu ने इवेंट के बाद कहा, “मैं आज की परफॉरमेंस से खुश हूं, हालांकि मैंने कई चोटें झेली हैं। हर खिलाड़ी के साथ कभी अच्छा होता है, कभी बुरा। टोक्यो ओलंपिक में मैंने भारत को सिल्वर मेडल दिलाया था, इस बार भी कोशिश थी कि भारत के लिए मेडल लाऊं, लेकिन नहीं ला पाई। इसके लिए मैं माफी मांगती हूं।” उन्होंने यह भी बताया कि यह उनके मासिक धर्म चक्र का तीसरा दिन था, जिससे उनके लिए वजन उठाना एक संघर्ष रहा।
Mirabai Chanu का आज (8 अगस्त) को 30वां जन्मदिन था। इस खास दिन पर उन्होंने इतिहास रचने का मौका गंवा दिया। स्नैच राउंड में उनका प्रदर्शन अच्छा रहा और वे तीसरे नंबर पर थीं, उन्होंने इस राउंड में 88 किलोग्राम वजन उठाया था। लेकिन क्लीन एंड जर्क में उनसे उम्मीदें अधिक थीं।
क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में मीराबाई ने 111 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाईं। उन्होंने तुरंत दूसरे प्रयास में वही वजन सफलतापूर्वक उठाया। आखिरी प्रयास में उन्होंने 114 किलोग्राम वजन उठाने की कोशिश की, लेकिन वह इसे उठाने में असफल रहीं और पेरिस ओलंपिक में चौथे नंबर पर रहीं।
Mirabai Chanu के पास इस बार ओलंपिक में दो मेडल जीतने का मौका था। वे पहली भारतीय वेटलिफ्टर बन सकती थीं, जिन्होंने दो ओलंपिक में मेडल जीते। इससे पहले, कर्णम मल्लेश्वरी ने 2000 के सिडनी ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, जिसे मीराबाई ने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर तोड़ा था।
पेरिस ओलंपिक में मीराबाई ने 49 किलो वर्ग में चौथा स्थान हासिल किया। टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद, मीराबाई ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बार उनका प्रदर्शन उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा, लेकिन उनका समर्पण और मेहनत सराहनीय है। भविष्य में वे अपनी कड़ी मेहनत और बेहतर प्रदर्शन के साथ लौट सकती हैं।
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