हिमाचल प्रदेश में हाल ही में बादल फटने और भारी बारिश से बहुत बड़ी तबाही हुई है। शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में इन आपदाओं से सात लोगों की मौत हो गई है और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। इन इलाकों में बाढ़ और भूस्खलन ने सड़कें बंद कर दी हैं, जिससे राहत और बचाव काम में बहुत कठिनाई आ रही है।
मुख्य घटनाएँ:
- शिमला: रामपुर के पास बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। इससे दो लोगों की मौत हो गई और 36 लोग लापता हैं।
- कुल्लू: मलाणा क्षेत्र में बादल फटने से मलाणा बांध की दीवार टूट गई और ब्यास नदी अपने किनारे तोड़कर बहने लगी। सब्जी मंडी का भवन और एक निर्माणाधीन इमारत भी बह गई। कुल्लू में सात लोग लापता हैं, जबकि 29 लोगों को बचा लिया गया है।
- मंडी: यहां भी बादल फटने से कई सड़कें बंद हो गई हैं। दो मकान गिर गए हैं और आठ लोग अभी भी लापता हैं।
- चंबा: चुराह में बादल फटने से बहुत नुकसान हुआ है। सड़कें बंद हो गई हैं और कई घर और गाड़ियां मलबे में दब गई हैं।
भूकंप: शुक्रवार को लाहौल स्पीति में 3.2 की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया, लेकिन इसमें कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
सरकारी और राहत प्रयास: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और केंद्र की ओर से पूरी मदद का आश्वासन दिया। राज्य में 13 आपातकालीन केंद्र स्थापित किए गए हैं और राहत कार्यों के लिए निर्देश दिए गए हैं।
इन आपदाओं ने हिमाचल प्रदेश की चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, और राज्य तथा केंद्र सरकार मिलकर राहत और बचाव के काम में जुटी हुई है।
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